BREAKING NEWS:-नगर परिषद रामपुरा की कुंभकर्णी नींद के चलते मासूम चढ़ा छोटे तालाब की बलि !

BREAKING NEWS:-नगर परिषद रामपुरा की कुंभकर्णी नींद के चलते मासूम चढ़ा छोटे तालाब की बलि !


जिम्मेदारों को गंगा जल संवर्धन के नाम फोटो सेशन से फुर्सत नहीं

इन दिनों देश सहित प्रदेश भर में शासन की गंगा जल संवर्धन योजना के तहत जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार की मुहिम ताबड़तोड़ चल रही हैं लेकिन, जिला नीमच अंतर्गत नगर परिषद रामपुरा को केवल बड़े तालाब के किनारे गड्ढे खोद कर उन्हें वापस भरने से ही फुर्सत नहीं हैं। आखिर क्यों नगर परिषद रामपुरा को केवल बड़े तालाब से इतनी चाहत है कि जल संबंधित शासन योजना के हर कार्य केवल बड़े तालाब पर ही करना होते हैं, फिर चाहे गंगा जल संवर्धन हो या फिर तालाब सौंदर्यीकरण। बता दें कि, रामपुरा को तालाबों की नगरी भी कहा जाता हैं, और उन्हीं में से रामपुरा के मध्य छोटा तालाब भी स्थित हैं , यदि छोटा तालाब को रामपुरा की नाक कहा जाएं तो अतिशयोक्ति नहीं होगा किंतु, नगर परिषद रामपुरा को इसका जीर्णोद्धार करना कभी याद क्यों नहीं आता, जबकि यदि रिकॉर्ड उठा कर देखा जाएं तो नगर परिषद की लापरवाही से इस तालाब में हर साल चार से पांच आकस्मिक मौतें होना एक आम सी बात हैं, और इसी लापरवाही की बदौलत आज फिर एक मासूम को इसी तालाब में अपनी जान से हाथ धोना पड़ा, या यूं कहे कि एक दिन दिहाड़ी करने वाले गरीब परिवार का चिराग बुझ गया। मिली जानकारी के मुताबिक बाबूराव जाति मुस्लिम निवासी रामपुरा का 9 वर्षीय बालक बकरी चराने तालाब में गया था, जहां पैर फिसलने से पानी में डूब गया, सूचना प्राप्ति पर पुलिस मौके पर पहुंची तथा भारी मशक्कत के पश्चात मासूम बालक के शव को निकाला गया एवं स्थानीय सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया, अगर कहे तो रामपुरा को जनप्रतिनिधियों की जननी भी कहा जाता हैं, देश की राजनीति को रामपुरा ने एक से बढ़कर एक कद्दावर नेता दिए हैं किंतु ये कद्दावर नेतागण अपनेआप को केवल लाल कहलाने में ही अपनी शान समझते हुए रामपुरा और यहां के विकास को ही क्यों भूल जाते हैं, यह एक विचारणीय प्रश्न हैं।

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