BREAKING NEWS:- अवैध रेत उत्खनन मामला,प्रशासन की उदासीनता या फिर कही का हैं कोई प्रभाव?

BREAKING NEWS:- रेत माफियाओं की दबंगई हैं या फिर प्रशासनिक कार्रवाई पर तंजी मज़ाक..?


अवैध रेत उत्खनन मामला,प्रशासन की उदासीनता या फिर कही का हैं कोई प्रभाव? फाइटर डिस्ट्रॉय कार्यवाही पश्चात पुनः फाइटर का आना,

मनासा/नीमच: जिला नीमच अंतर्गत उपखंड मनासा के गांधीसागर बैक वाटर क्षेत्र में अवैध रेत उत्खनन माफियाओं का प्रशासन का खौफ नहीं का सीधा प्रत्यक्ष उदाहरण फाइटर डिस्ट्रॉय कार्रवाई पश्चात पुनः रेत निकालने आए फाइटर जो कि मनासा पुलिस ने जब्त किया से मिलता हैं, 11 दिन बाद भी पुलिस यह नहीं पता लगा सकी कि यह फाइटर किसका है? जबकि पुलिस ने जमानत पर फाइटर को भी छोड़ दिया?

इधर सूत्रों की मानें तो इसके मालिक ने पुलिस को बताया है कि, विक्रम गुर्जर निवासी ग्राम नाली नाम के व्यक्ति ने फाइटर बुलवाया, जो कि रामपुरा में उतरने वाला था। विक्रम गुर्जर यह भाजपा का पोलिंग बूथ अध्यक्ष है। फाइटर से अवैध रेत खनन के मामले में 4 से 5 बड़े भाजपा नेता भी जुड़े हैं। ऐसे में नेताओं के संरक्षण से इनकार नहीं किया जा सकता। भाजपा कनेक्शन होने से पुलिस प्रशासन भी चुप्पी साधकर बैठ गया है। यह चर्चा भी गर्म है कि राजनीतिक दबाव में अवैध रूप से आने वाले फाइटर मालिक के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है। फाइटर को डीबीएल व एलएनटी कंपनी ने गांधीसागर में काम के लिए बुलाया है, ऐसी चर्चा थी। लेकिन कंपनी अधिकारियों ने इससे इनकार कर दिया है। ड्राइवर के पास दस्तावेज नहीं होने पर पुलिस ने ट्राला जब्त किया था। इसे जमानत पर छोड़ दिया है। ट्राले मालिक प्रभाकर मिसाल (महाराष्ट्र) ने पुलिस को फाइटर की रामपुरा में विक्रम गुर्जर को डिलीवरी देने की बात कही है। अब पुलिस-प्रशासन की कार्य प्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं कि ट्राला बुक हुआ तो सामने वाले ने कोई दस्तावेज नहीं दिए? यदि दस्तावेज दिए तो पुलिस उस तक पहुंच क्यों नहीं पा रही ?

शर्म एवं विचारणीय बात तो यह है कि, माफियाओं के खुले चैलेंज के पश्चात भी प्रशासन का कार्रवाई नही कर सकना एक सवालिया निशान हैं ? खनिज विभाग ने फाइटर पानी में डुबोने की कार्रवाई की थी। 4 दिन बाद माफिया ने एक नया फाइटर बुलाकर 'लो फिर आ गए...' डायलॉग पर रील वायरल कर प्रशासन को खुली चुनौती दी। 20 सितंबर को गुजरात से ट्राला नं. MH46BU1971 पर फाइटर बुलवाया था। इसके वीडियो सामने होने पर पुलिस ने इसे पकड़कर थाने के बाहर खड़ा कराया था।

इनका कहना:-

थाने पर बातचीत के लिए गए थे। मिलने वाले का है, नाम पूछ लूंगा कितने पार्टनर हैं, बता दूंगा आपको। 4-5 लोग हैं। एक होते तो मैं आपको नाम बता देता। मेरा फाइटर से कोई लेना-देना नहीं हैं। मैने नहीं बुलाया है। मेरा नाम गलत लिया जा रहा है_ 

विक्रम गुर्जर, बीजेपी सदस्य


गुजरात से जिस ट्राले में फाइटर आया था उसकी जमानत हो चुकी है। उसके मालिक ने बताया कि विक्रम गुर्जर नाम के व्यक्ति ने बुक करवाया था। विक्रम कहां का रहने वाला है, इसकी जानकारी नहीं बताई। मामले में जांच चल रही है_ 

थाना प्रभारी मनासा शिव रघुवंशी

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